The Cobra embraces Lord Shiva in the shivling darshan!!
The Cobra embraces Lord Shiva in the shivling darshan!!
सुख-दुःख, हर्ष-शोक, राग-द्वेष, काम-क्रोध आदि आने-जानेवाले, बदलनेवाले हैं, पर सत्ता अर्थात् स्वरूप ज्यों-का-त्यों रहनेवाला है । साधकसे यह बहुत बड़ी भूल होती है कि वह बदलनेवाली दशाको देखता है, पर सत्ताको नहीं देखता; दशाको स्वीकार करता है, पर सत्ताको स्वीकार नहीं करता ।
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