Someone asked;
When there is God in every particle, why do you go to the temple then.?
When there is God in every particle, why do you go to the temple then.?
Got a very beautiful answer;
The wind blows even in the sun, but the joy is found by sitting in the shade.
Similarly, God is everywhere, but joy comes only in the temple.
The wind blows even in the sun, but the joy is found by sitting in the shade.
Similarly, God is everywhere, but joy comes only in the temple.
There is a bond of breath, then why will it break, the relationship is connected to the soul, then why will it get upset.
किसी ने कहा ;
जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हो।
जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हो।
बहुत सुंदर जवाब मिला ;
हवा तो धूप में भी चलती है पर आनंद छाँव मे बैठ कर मिलता है।
वैसे ही भगवान सब तरफ है पर आनंद मंदिर मे ही आता है।
हवा तो धूप में भी चलती है पर आनंद छाँव मे बैठ कर मिलता है।
वैसे ही भगवान सब तरफ है पर आनंद मंदिर मे ही आता है।
सांसों का बन्धन है फिर टूटेगा क्यूँ , रूह से जुडा है रिश्ता फिर रूठेगा क्यूँ । ✨🌈👁🌷📿🕉🔱💀🌀🌸🌙🐚🌿🌻🗿📿🐍🔆⌛️🌺🔔🎨🌈🙏🏻✨
ॐ नमों नारायण, ॐ नमः शिवाय !! ✨🌈👁🌷📿🕉🔱💀🌀🌸🌙🐚🌿🌻🗿📿🐍🔆⌛️🌺
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