Tuesday, 26 March 2013

Om.....NaMaH....sHivaaY...



जय भोले जय भंडारी, तेरी है महिमा नयारी,
तेरी मोहिनी मूरत लगे है प्यारी।
कण कण मे..........!!


है तेरा वास प्रभु, है तीनो लोक में तू ही तू।
जल में है, थल में है, नभ में है, पवन में है, तेरी छवि समाई,
डमरू की धुन में है, झूमे है श्रृष्टि, महिमा यह कैसी रचाई।
तेरी जय जय करे दुनिया सारी॥
जिसने भी तेरा ध्यान किया, उसको सुख का वरदान दिया।
दानी है, वरदानी है भोले बाबा, है भक्तों पे उपकार तेरा,
रावण को दे डाली सोने की लंका, किया आप परबत पे डेरा।
नहीं दूजा कोई तुमसा है उपकारी॥

Om.....NaMaH....sHivaaY..........!*!

HAR HAR MAHADEV....JAI SHIV SHANKAR.........!*!

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