चाणक्य नीति : चौथा अध्याय-2
एक ऐसा बालक जो जन्मते वक़्त मृत था, एक मुर्ख दीर्घायु बालक से बेहतर है. पहला बालक तो एक क्षण के लिए दुःख देता है, दूसरा बालक उसके माँ बाप को जिंदगी भर दुःख की अग्नि में जलाता है.
A stillborn son is superior to a foolish son endowed with a long life. The first causes grief for but a moment while the latter like a blazing fire consumes his parents in grief for life.
निम्नलिखित बाते व्यक्ति को बिना आग के ही जलाती है...
१. एक छोटे गाव में बसना जहा रहने की सुविधाए उपलब्ध नहीं.
२. एक ऐसे व्यक्ति के यहाँ नौकरी करना जो नीच कुल में पैदा हुआ है.
३. अस्वास्थय्वर्धक भोजन का सेवन करना.
४. जिसकी पत्नी हरदम गुस्से में होती है.
५. जिसको मुर्ख पुत्र है.
६. जिसकी पुत्री विधवा हो गयी है.
Residing in a small village devoid of proper living facilities, serving a person born of a low family, unwholesome food, a frowning wife, a foolish son, and a widowed daughter burn the body without fire.
वह गाय किस काम की जो ना तो दूध देती है ना तो बच्चे को जन्म देती है. उसी प्रकार उस बच्चे का जन्म किस काम का जो ना ही विद्वान हुआ ना ही भगवान् का भक्त हुआ.
What good is a cow that neither gives milk nor conceives? Similarly, what is the value of the birth of a son if he becomes neither learned nor a pure devotee of the Lord?
जब व्यक्ति जीवन के दुःख से झुलसता है उसे निम्नलिखित ही सहारा देते है...
१. पुत्र और पुत्री
२. पत्नी
३. भगवान् के भक्त.
When one is consumed by the sorrows of life, three things give him relief: offspring, a wife, and the company of the Lord's devotees.
यह बाते एक बार ही होनी चाहिए..
१. राजा का बोलना.
२. बिद्वान व्यक्ति का बोलना.
३. लड़की का ब्याहना.
१. राजा का बोलना.
२. बिद्वान व्यक्ति का बोलना.
३. लड़की का ब्याहना.
Kings speak for once, men of learning once, and the daughter is given in marriage once. All these things happen once and only once.
जब आप तप करते है तो अकेले करे.
अभ्यास करते है तो दुसरे के साथ करे.
गायन करते है तो तीन लोग करे.
कृषि चार लोग करे.
युद्ध अनेक लोग मिलकर करे.
अभ्यास करते है तो दुसरे के साथ करे.
गायन करते है तो तीन लोग करे.
कृषि चार लोग करे.
युद्ध अनेक लोग मिलकर करे.
Religious austerities should be practiced alone, study by two, and singing by three. A journey should be undertaken by four, agriculture by five, and war by many together.
Om Namah Shivay
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