Friday, 3 March 2017

Shiva has always been seen as a very powerful creature.

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शिव को हमेशा से एक बहुत शक्तिशाली प्राणी के रूप में देखा जाता रहा है। साथ ही, यह समझा जाता है कि वह सांसारिक रूप से बहुत चतुर नहीं हैं। इसलिए, शिव के एक रूप को भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि वह किसी बच्चे की तरह हैं। ‘भोलेनाथ’ का मतलब है, मासूम या अज्ञानी। आप पाएंगे कि सबसे बुद्धिमान लोग भी बहुत आसानी से मूर्ख बन जाते हैं, क्योंकि वे छोटी-मोटी चीजों में अपनी बुद्धि नहीं लगा सकते। बहुत कम बुद्धिमत्ता वाले चालाक और धूर्त लोग दुनिया में आसानी से किसी बुद्धिमान व्यक्ति को पछाड़ सकते हैं। यह धन-दौलत के अर्थ में या सामाजिक तौर पर मायने रख सकता है, मगर जीवन के संबंध में इस तरह की जीत का कोई महत्व नहीं है। बुद्धिमान से हमारा मतलब स्मार्ट होने से नहीं है। इसका मतलब उस आयाम को स्वीकार करने से है, जो जीवन को पूर्ण रूप से घटित होने देता है, विकसित होने देता है। शिव भी ऐसे ही हैं। ऐसा नहीं है कि वह मूर्ख हैं, मगर वह हर छोटी-मोटी चीज में बुद्धि का इस्तेमाल नहीं करते।
शिव को हमेशा त्रयंबक भी कहा गया है क्योंकि उनकी एक तीसरी आंख है। तीसरी आंख का मतलब यह नहीं है कि माथे में कोई दरार है। इसका मतलब बस यह है कि उनका बोध या अनुभव अपनी चरम संभावना पर पहुंच गया है। तीसरी आंख अंतर्दृष्टि की आंख है। दोनों भौतिक आंखें सिर्फ आपकी इंद्रियां हैं। वे आपके मन को हर तरह की फालतू बातों से भरती हैं क्योंक आप जो देखते हैं, वह सत्य नहीं है। आप किसी इंसान को देखकर उसके बारे में कुछ अंदाजा लगाते हैं, मगर आप उसके अंदर शिव को नहीं देख पाते। इसलिए एक और आंख को खोलना जरूरी है, जो और गहराई में देख सके। कितना भी सोचने से या दार्शनिक चिंतन से कभी आपके मन को स्पष्टता नहीं मिल पाएगी। कोई भी आपकी तार्किक स्पष्टता को बिगाड़ सकता है, मुश्किल हालात उसे पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर सकते हैं। जब आपकी भीतरी दृष्टि खुल जाती है, जब आपके पास एक आंतरिक दृष्टि होती है, तभी आपको पूर्ण स्पष्टता मिलती है। जिसे हम शिव कहते हैं, वह और कुछ नहीं, बस चरम बोध का साकार रूप है। ~। साधगुरु
हरी ॐ तत् सत ~ जय भोलेनाथ ~ शुभ रात्रि 🐍👁🔱💀🌙📿🌿🐚🕉🌷🔔🔥🙏
Shiva has always been seen as a very powerful creature. It is supposed to be very clever that it is not the world of this world. So, the Lord of Shiva is called bholenath, because he is like a child. 'Bholenath' means, innocent or ignorant. You will find the most intelligent people too easily, because they can't put their sense in small things. Very little wisdom clever and pretentious people can easily defeat a wise man in the world. It is not a value of money in the meaning of wealth or social, but there is no value of the victory of life. Wise we don't mean to be smart. This means to accept the dimension, which makes life complete. Shiva is also such. It is not that he is stupid, but he do not use sense in every small thing.

Shiva is always called trayambaka because they have a third eye. The third eye does not mean that there is no crack in the forehead. It just means that their perception or experience has reached its extreme possibility. The third eye insight is the eye of insight. Both physical eyes are only your senses. They admitted your mind every way you see what you see, the truth is not the truth. You can see something about someone, but you can't see shiva inside it. So it is necessary to open another eye, who can see more in depth. How much of thinking or philosophical contemplation will never be able to get clarity from your mind. No one can harm your logical clarity, difficult circumstances can be fully set. When your inner vision is open, you get full clarity when you have an internal vision. That which we say, " it is nothing but extreme perception. ~. Sādhaguru

Hari om tat sat ~ Jay Bholenath 

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