प्रथम पूज्य गजनान को हरी-हरी दूर्वा बेहद पसंद हैं। मान्यता है कि खास प्रकार की इस घास को चढ़ाने से गणपति की प्रसन्न होते हैं। भक्तों को उनकी कृपा मिलती है। रिद्धि-सिद्धि भी आपके घर में निवास करती हैं। इसलिए लड्डू -मोदक के भोग के साथ गणपति को दूर्वा भी अर्पित की जाती है। आज बुधवार के दिन पत्रिका आपको बताने जा रहा है क्यों दूर्वा है गजानन को बेहद प्रिय
प्राचीन कथा-
कथा के अनुसार अनादि काल में अनलासुर नाम का दैत्य था। इस दैत्य के आतंक से धरती और स्वर्ग में त्राही-त्राही मची थी। अलनासुर हवन कर रहे ऋषि-मुनियों एवं साधारण नागरिकों को जिंदा निगल जाता था। दैत्य से त्रस्त हो देवराज इंद्र एवं अन्य ऋषि-मुनी महाकाल की शरण में गए। सभी ने शिवशंभु से प्रार्थना की कि वे अनलासुर के आतंक का नाश करें। शंभूनाथ ने सभी देवी-देवताओं की प्रार्थना सुनी और कहा कि अनलासुर का नाश केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं। गणपति का उदर काफी बढ़ा है इसलिए वे अनलासुर को आसानी से निगल सकते हैं।
महादेव के वचन सुन सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि गणपति की स्तुति करने लगे। गजानन और अनलासुर के मध्य घमासान युद्ध हुआ। अंततः गणपति ने असुर को पकड़कर निगल लिया। इस प्रकार अनलासुर के आतंक का अंत हुआ।
अनलासुर को अपना ग्रास बनाने के बाद श्रीगणेश के उदर में भयंकर जलन होने लगी। कई उपाय के बाद भी जलन शांत नहीं हुई तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर गणेशी बेटा को खाने के लिए दी। दूर्वा ग्रहण करती ही गणपति के उदर की जलन शांत हो गईं। बस इसके बाद से ही प्रथमपूज्य को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। ...
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As per one legend, there was a demon called Analasur who petrified the world and the gods. The gods asked Lord Shiva to protect them from the demon and Shiva asked them to approach Ganesha. So, Ganesha fought a ferocious battle with Analasur and ended up swallowing him to protect the gods.
This built-up a lot of heat in his body. Lord Indra then gave him the moon to wear on his forehead, and Lord Vishnu gave him a lotus flower, but none could cool him down. Lord Vishnu made it rain on Ganesha. Finally, 88,000 sages conducted Archana for the Lord with 21 blades of the Durva grass which cured his stomach. It is for this reason that Lord Ganesha is worshipped with 21 blades of the grass on Ganesh Chaturthi. The use of odd numbers (minimum of 21) of the grass further promotes the entry of the divine energy into the idol. Durva is tied together, dipped in water for freshness, and then offer to the deity’s feet first and then the rest of the body. This is said to attract Ganesha the best as the principle of a deity is strongest though the feet of an idol.
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Hari Om Tat Sat~ Om Namah Shivaya ~ Om Shri Ganeshaya Namah 🌱🕉🐘✨🙏🏻
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