Sunday, 4 May 2014

Students are in Abundance, Disciples are a Few, But the Devotees are Rare

Photo: बहुत समय पहले की बात है हिमालय के जंगलों में एक बहुत ताकतवर शेर रहता था . एक दिन उसने बारासिंघे का शिकार किया और खाने के बाद अपनी गुफा को लौटने लगा. अभी उसने चलना शुरू ही किया था कि एक सियार उसके सामने दंडवत करता हुआ उसके गुणगान करने लगा .
उसे देख शेर ने पूछा , ” अरे ! तुम ये क्या कर रहे हो ?”

” हे जंगल के राजा, मैं आपका सेवक बन कर अपना जीवन धन्य करना चाहता हूँ, कृपया मुझे अपनी शरण में ले लीजिये और अपनी सेवा करने का अवसर प्रदान कीजिये .” , सियार बोला.

शेर जानता था कि सियार का असल मकसद उसके द्वारा छोड़ा गया शिकार खाना है पर उसने सोचा कि चलो इसके साथ रहने से मेरे क्या जाता है, नहीं कुछ तो छोटे-मोटे काम ही कर दिया करेगा. और उसने सियार को अपने साथ रहने की अनुमति दे दी.

उस दिन के बाद से जब भी शेर शिकार करता , सियार भी भर पेट भोजन करता. समय बीतता गया और रोज मांसाहार करने से सियार की ताकत भी बढ़ गयी , इसी घमंड में अब वह जंगल के बाकी जानवरों पर रौब भी झाड़ने लगा. और एक दिन तो उसने हद्द ही कर दी .

उसने शेर से कहा, ” आज तुम आराम करो , शिकार मैं करूँगा और तुम मेरा छोड़ा हुआ मांस खाओगे.”

शेर यह सुन बहुत क्रोधित हुआ, पर उसने अपने क्रोध पर काबू करते हुए सियार को सबक सिखाना चाहा.

शेर बोला ,” यह तो बड़ी अच्छी बात है, आज मुझे भैंसा खाने का मन है , तुम उसी का शिकार करो !”

सियार तुरंत भैंसों के झुण्ड की तरफ निकल पड़ा , और दौड़ते हुए एक बड़े से भैंसे पर झपटा, भैंसा सतर्क था उसने तुरंत अपनी सींघ घुमाई और सियार को दूर झटक दिया. सियार की कमर टूट गयी और वह किसी तरह घिसटते हुए शेर के पास वापस पहुंचा .
” क्या हुआ ; भैंसा कहाँ है ? “, शेर बोला .

” हुजूर , मुझे क्षमा कीजिये ,मैं बहक गया था और खुद को आपके बराबर समझने लगा था …”, सियार गिडगिडाते हुए बोला.

“धूर्त , तेरे जैसे एहसानफरामोश का यही हस्र होता है, मैंने तेरे ऊपर दया कर के तुझे अपने साथ रखा और तू मेरे ऊपर ही धौंस जमाने लगा, ” और ऐसा कहते हुए शेर ने अपने एक ही प्रहार से सियार को ढेर कर दिया.

किसी के किये गए उपकार को भूल उसे ही नीचा दिखाने वाले लोगों का वही हस्र होता है जो इस कहानी में सियार का हुआ. हमें हमेशा अपनी वर्तमान योग्यताओं का सही आंकलन करना चाहिए और घमंड में आकर किसी तरह का मूर्खतापूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए।

Om Namah Shivay

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Students are in Abundance, Disciples are a Few, But the Devotees are Rare

It is nothing great to become God or be God. Whether you want or not, all are already Gods. A stone is also a God. You are also a God. Everything is God, God is already there, but it is great to become a devotee. Do you see this? Everything, whether you want it or not, is already God, but the love, devotion, has flowered somewhere. Where the devotion has flowered totally, the flower has blossomed, that is a devotee. Attraction is everywhere, love is somewhere, but devotion is again rare. Devotion is very beautiful. A student comes to a Master, Teacher, and Guru with tears in his eyes. There are so many problems, and when he leaves, he is carrying the same tears, but the quality of the tears is different, it is of gratitude. Still tears flow, but those are of gratitude, of love; it is so beautiful to cry in love.

One, who has cried even once in love, knows the taste of it, of surrender and of devotion and the entire creation rejoices it. The entire creation is longing for only one thing, the transformed tears, from salty tears to sweet tears.

Om Namah Shivay

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