Monday 17 June 2013

This is something we should all read at least once a week!!!! Om Namah Shivay!

Photo: किसके तीर में था दम, घबराते थे कृष्ण भी धनुर्धर तो बहुत हुए हैं। राम और कृष्ण भी धनुर्धर थे, लेकिन वे भगवान थे। भगवान तो कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन एक ऐसा भी धनुर्धर था, जिसकी विद्या से भगवान कृष्ण भी सतर्क हो गए थे। एक ऐसा भी धनुर्धर था जिसको लेकर द्रोणाचार्य चिंतित हो गए थे और एक ऐसा भी धनुर्धर था जो अपने एक ही बाण से दुश्मन सेना के रथ को कई गज दूर फेंक देता था। इन सभी के तीर में था दम लेकिन सर्वश्रेष्ठ तो सर्वश्रेष्ठ ही होता है। आप सोच रहे हैं कर्ण सर्वश्रेष्ठ है तो जवाब है नहीं। बर्बरीक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। युद्ध के मैदान में भीम पौत्र बर्बरीक दोनों खेमों के मध्य बिन्दु, एक पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े हो गए और यह घोषणा कर डाली कि मैं उस पक्ष की तरफ से लडूंगा जो हार रहा होगा।

भीम के पौत्र बर्बरीक के समक्ष जब अर्जुन तथा भगवान श्रीकृष्ण उसकी वीरता का चमत्कार देखने के लिए उपस्थित हुए तब बर्बरीक ने अपनी वीरता का छोटा-सा नमूना मात्र ही दिखाया। कृष्ण ने कहा कि यह जो वृक्ष है ‍इसके सारे पत्तों को एक ही तीर से छेद दो तो मैं मान जाऊंगा। बर्बरीक ने आज्ञा लेकर तीर को वृक्ष की ओर छोड़ दिया।

जब तीर एक-एक कर सारे पत्तों को छेदता जा रहा था उसी दौरान एक पत्ता टूटकर नीचे गिर पड़ा, कृष्ण ने उस पत्ते पर यह सोचकर पैर रखकर उसे छुपा लिया की यह छेद होने से बच जाएगा, लेकिन सभी पत्तों को छेदता हुआ वह तीर कृष्ण के पैरों के पास आकर रुक गया।

तब बर्बरीक ने कहा प्रभु आपके पैर के नीचे एक पत्ता दबा है कृपया पैर हटा लीजिए क्योंकि मैंने तीर को सिर्फ पत्तों को छेदने की आज्ञा दे रखी है आपके पैर को छेदने की नहीं।

उसके इस चमत्कार को देखकर कृष्ण चिंतित हो गए। भगवान श्रीकृष्ण यह बात जानते थे कि बर्बरीक प्रतिज्ञावश हारने वाले का साथ देगा। यदि कौरव हारते हुए नजर आए तो फिर पांडवों के लिए संकट खड़ा हो जाएगा और यदि जब पांडव बर्बरीक के सामने हारते नजर आए तो फिर वह पांडवों का साथ देगा। इस तरह वह दोनों ओर की सेना को एक ही तीर से खत्म कर देगा।

कैसे कृष्ण ने बर्बरीक को अपनी चाल में फंसाया

भगवान श्रीकृष्ण ब्राह्मण का भेष बनाकर सुबह बर्बरीक के शिविर के द्वार पर पहुंच गए और दान मांगने लगे। बर्बरीक ने कहा मांगो ब्राह्मण! क्या चाहिए? ब्राह्मण रूपी कृष्ण ने कहा कि तुम दे न सकोगे। लेकिन बर्बरीक कृष्ण के जाल में फंस गए और कृष्ण ने उससे उसका शीश मांग लिया।

बर्बरीक द्वारा अपने पितामह पांडवों की विजय हेतु स्वेच्छा के साथ शीशदान कर दिया। बर्बरीक के इस बलिदान को देखकर दान के पश्चात्‌ श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में स्वयं के नाम से पूजित होने का वर दिया। आज बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से पूजा जाता है। जहां कृष्ण ने उसका शीश रखा था उस स्थान का नाम खाटू है।

Om Namah Shivay.

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This is something we should all read at least once a week!!!!! Make sure you read to the end!!!!!!


1. Don’t compare your life to others. You have no idea what their journey is all about.
2. If a relationship has to be a secret, you shouldn’t be in it.
3. Everything can change in the blink of an eye. But don’t worry; God never blinks.
4. Take a deep breath. It calms the mind.
5. Get rid of anything that isn’t useful, beautiful or joyful.
6. Whatever doesn’t kill you really does make you stronger.
7. It’s never too late to have a happy childhood. But the second one is up to you and no one else.
8. Burn the candles, use the nice sheets, wear the fancy lingerie. Don’t save it for a special occasion. Today is special.
9. Over prepare, then go with the flow.
10. No one is in charge of your happiness but you.
11. Forgive everyone everything.
12. What other people think of you is none of your business.
13. Time heals almost everything. Give time time.
14. However "good" or "bad" a situation is, it will change.
15. Believe in miracles.
16. Don’t audit life. Show up and make the most of it now.
17. Growing old beats the alternative — dying young.
18. Your children get only one childhood.
19. All that truly matters in the end is that you "truly" loved.
20. If we all threw our problems in a pile and saw everyone else’s, we’d grab ours back.
21. Envy is a waste of time.......

Om Namah Shivay.

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